अजब गजब शिक्षा विभाग कहीं 118 बच्चों के लिए एक शिक्षक तो कहीं,6 के बच्चों के लिए 2 शिक्षक वो भी पति पत्नी मामला गरियाबंद जिले का

रिपोर्टर भूपेंद्र गोस्वामी

अतर्मरा में लगभग 86 बच्चों के लिए 6 शिक्षक जिसमें 4 गांव के ही शिक्षक

छुरा गरियाबंद :- हमेशा से विकासखंड छुरा में शिक्षण व्यवस्था को लेकर एवं शिक्षकों की मनमर्जी तबादला , पदस्थापना एवं समय पर ना आना जाना मनमर्जी जैसे कई ऐसे मुद्दे हैं ,जिनके वजह से ब्लॉक का यह कार्यालय हमेशा सुर्खियों में रहता है । शिक्षा व्यवस्था को लेकर एवं इन दिनों थोक के भाव में चल रहे मनमर्जी , पदस्थापना जिसने दिव्यांग को भी नहीं छोड़ा गया। इन बातो को लेकर फिर सुर्खियों में बना हुआ है, बता दें कि कई ऐसे दूरस्थ अंचलों में स्कूले हैं जहां 118 बच्चों को एक शिक्षक अध्ययन करा रहे हैं, तो कई ऐसे स्कूल है जहां 86 बच्चों मे 6 शिक्षकों की पदस्थापना है ।जो अपने आप मे विभाग के व्यवस्था की पोल रहा हैं । जहां शिक्षकों की अपनी पहुंच की वजह से अपने हि गांव के प्राथमिक शाला में डेरा जमाए हुए हैं । बताना लाजिमी होगा कि ब्लॉक में बैठे खंड शिक्षा अधिकारी आज भी अपने दायित्व का सही निर्वहन नहीं कर पा रहे हैं । बिना अपने कार्यालय के बाबू एवं अपने खास शिक्षकों से सलाह मशविरा किए बगैर अपना फैसला नहीं ले पा रहे हैं ।इस तरह खंड शिक्षा अधिकारी व जनता के चुने हुय जनप्रतिनिधि खास कर जो जनपद के शिक्षा समिति मे बैठे है ,वो स्कूलो में व्यवस्था बंनाने मे असफल नजर आ रहे है ।सबसे बड़ा वजह है कि ब्लॉक के अधिकतर स्कूलों में सेटअप के अनुसार प्राथमिक व माध्यमिक शालाओं मे शिक्षकों की व्यवस्था अब तक नहीं कर पाई है और वही रसूखदार शिक्षक अपने पावर के दम पर मनचाहे सड़क किनारे की स्कूलों में पदस्थापना कराकर ड्यूटी कर रहे हैं जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में अधिकारियों का दौरा नहीं होता, ना ही जनप्रतिनिधि ध्यान देते हैं। इस वजह से यहां के स्कूलों में शिक्षकों की भारी कमी है। जिससे बच्चों के भविष्य अंधकारमय होते नजर आ रहे हैं । लेकिन इससे ना तो अधिकारियों का सरोकार है ना ही जनप्रतिनिधियों को। आज पूरे जिले में इन दिनों मनचाही पदस्थापना होने का खेल चल रहा है जो बड़े अधिकारी और नेताओं के ,सांठगांठ से फल फुल रहा है जिनका सीधा असर बच्चों के आने वाले भविषय पर पड़ रहा है । साथ ही कोई शिक्षक समय पर स्कूल नहीं आ रहा है क्योंकि अधिकतर शिक्षक मुख्यालय में नहीं रहते और रायपुर ,महासमुंद ,धमतरी अन्य जगहों से रोज आना जाना करते हैं , जो समय पर स्कूल नहीं पहुंचते और घर जाने की हड़बड़ी में समय रहते स्कूल बंद कर चले जाते हैं।तो वही जिस संकुल समन्वयक को निरीक्षण की जिम्मेदारी है वह भी केवल कुर्सी की शोभा बढ़ाते नजर आ रहे है। यही वजह है कि ब्लॉक के कई स्कूल में केवल बच्चे मध्यान भोजन करने के लिए जा रहे हैं जबकि वहां इनके अलावा शैक्षणिक गतिविधियों का कोई अता पता नहीं है ।क्योंकि एक शिक्षक अपना कार्यालय में काम देखें या फिर बच्चों को पढ़ाई कराएं इस प्रकार अव्यवस्था का आलम है जिसे देखने वाले कोई नही ।

वर्जन

एकल शिक्षक् की स्कूल जहां है वहां व्यवस्था किया जा जा रहा है। कोठीगांव के एक शिक्षक अभी व्यवस्था में भेज दिए है।

खंड शिक्षा अधिकारी छुरा के.के. मतावाले

पिछले मीटिंग में बीईओ द्वारा 5 एकल शिक्षक स्कूल की जानकारी दिया गया था। जहा व्यवस्था हो गया। आपके माध्यम से पता चला है ।एक दो दिन वहा भी व्यवस्था करवा देंगे ।

उपाध्यक्ष जनपद पंचायत छुरा गौरव मिश्रा

वर्तमान सरकार शिक्षकों की व्यवस्था बनाने में असफल है । अधिकारियों और वर्तमान सरकार के नेताओं की मिलीभगत से समुचित व्यवस्था नहीं बना पा रहे हैं । जिम्मेदार अधिकारी को चाहिए की समुचित व्यवस्था बनाए ताकि बच्चों के भविष्य खराब ना हो और उन्हें समुचित शिक्षा मिल सके।

संदीप पांडे भाजपा मंडल अध्यक्ष पांडुका

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